भगवान श्रीकृष्ण के जन्म की पौराणिक कथा
" जब जब धर्म की हानि होगी और अधर्म बढ़ेगा तब तब मैं इस धरती पर अवतार लूँगा "
ये बात उस समय की है जब द्वापर युग (4 युगो मे एक) अपने अंतिम चरण मे था और कंस और जरासंध जैसे अनेक पापियो के पाप कर्मो से ये धारा कराह उठी थी । फिर सारे देवता पालनहार भगवान विष्णु के पास गए और उनसे प्राथना की की आप इस धरती को पाप से मुक्त करे । विष्णु जी ने उन सब की प्राथना स्वीकार की और कहा की मै अपने 8वे अवतार कृष्ण के रूप मे मथुरा मे जन्म लूँगा ।
भाद्रपद कृष्ण अष्टमी तिथि की घनघोर अंधेरी आधी रात को रोहिणी नक्षत्र में मथुरा के कारागार में वसुदेव की पत्नी देवकी के गर्भ से भगवान श्रीकृष्ण ने जन्म लिया था। यह तिथि उसी शुभ घड़ी की याद दिलाती है और सारे देश में जन्मास्थिमी बड़ी धूमधाम से मनाई जाती है। द्वापर युग में भोजवंशी राजा उग्रसेन मथुरा में राज्य करता था। उसके आततायी पुत्र कंस ने उसे गद्दी से उतार दिया और स्वयं मथुरा का राजा बन बैठा। कंस की एक बहन देवकी थी, जिसका विवाह वसुदेव नामक यदुवंशी सरदार से हुआ था।
जब कंस अपनी बहन देवकी को उसके ससुराल विदा करने ले गया तभी आकाश मे एक आकाश वाणी हुई की देवकी का 8 वआ पुत्र ही तेरा काल होगा । इससे डर के कस ने देवकी और वसुदेव को बंदी बना लिया
दोनों को कारगर मे डाल दिया उस कारगार मे कई दरवाजे थे कई सैनिक थे । देवकी का जो भी संतान होती उसको कंस मार डालता । फिर वो समय आया जिसका सभी को इंतजार था भाद्रपद कृष्ण अष्टमी तिथि की घनघोर अंधेरी आधी रात को रोहिणी नक्षत्र मे मूसलाधार बारिश हो रही थी तब भगवान कृष्ण प्रकट हुए ।
संयोग से उसी समय नन्द बाबा की पत्नी यशोदा को भी एक संतान हुई जो की एक कन्या थी वो कोई और नही बल्कि माया थी । इधर करगार मे भगवान विष्णु ने देवकी और वसुदेव को अपने चतुर्भुज रूप के दर्शन दिये और वसुदेव को कहा की आप अपने बालक को नन्द गाव मे नन्द जी के यहा छोड़ आए और उनकी पुत्री को ले आए । फिर प्रभु अंतर्ध्यान हो गए और वसुदेव की बेड़िया अपने आप खुल गई और सभी सैनिक सो गए ।
वसुदेव ने कृष्ण को एक डलिया मे रख कर अपने सिर पर रखा और नन्द गाव की और चल दिया नंगे पाव रास्ते मे यमुना नदी पड़ी बारिश बहुत तेज़ हो रही थी । यमुना जी अपने उफान पर थी । वसुदेव नदी मे उतर गए और नदी पार करने लगे और पीछे से बारिश से बचाने के लिए कृष्ण भगवान के सेवक शेसनाग आ गए ।
वसुदेव कृष्ण जी को यशोदा के पास लिटा दिये और कन्या रूपी माया को वह से साथ ले आए । जब वो कारागार पहुचे तो उनकी बेड़िया अपने आप फिर से लग गई । "कितनी बड़िया सीख है की जब कृष्ण (ईश्वर )हाथ मे आए तो बेड़िया खुल गई थी परंतु जैसे ही वो कन्या (माया )हाथ मे आई तो बेड़िया लग गई "
फिर सारे सैनिक जाग गए और कंस को पता चला की देवकी के कन्या हुई है तो वो उसको मारने गया परंतु जैसे ही कंस ने उस कन्या को अपने हाथ मे लिया और मारने चला वो कन्या उसके हाथ से छूट कर आकाश मे चली गई और एक देवी का रूप लिया जिसके कई हाथ थे और उनमे तरह तरह के अरत्र थे । वो देवी ज़ोर ज़ोर से हसने लगी और कहने लगी की
"हे मूर्ख जिसको तू मारने आया है वो तेरा काल तो कब का जन्म ले के कर गोकुल पहुच पहुच चुका है । इतना कह कर कर वो देवी अंतेर्ध्यान हो गई"
परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम्।
धर्मसंस्थापनार्थाय संभवामि युगे युगे।।4.8।।
भाद्रपद कृष्ण अष्टमी तिथि की घनघोर अंधेरी आधी रात को रोहिणी नक्षत्र में मथुरा के कारागार में वसुदेव की पत्नी देवकी के गर्भ से भगवान श्रीकृष्ण ने जन्म लिया था। यह तिथि उसी शुभ घड़ी की याद दिलाती है और सारे देश में जन्मास्थिमी बड़ी धूमधाम से मनाई जाती है। द्वापर युग में भोजवंशी राजा उग्रसेन मथुरा में राज्य करता था। उसके आततायी पुत्र कंस ने उसे गद्दी से उतार दिया और स्वयं मथुरा का राजा बन बैठा। कंस की एक बहन देवकी थी, जिसका विवाह वसुदेव नामक यदुवंशी सरदार से हुआ था।
जब कंस अपनी बहन देवकी को उसके ससुराल विदा करने ले गया तभी आकाश मे एक आकाश वाणी हुई की देवकी का 8 वआ पुत्र ही तेरा काल होगा । इससे डर के कस ने देवकी और वसुदेव को बंदी बना लिया
दोनों को कारगर मे डाल दिया उस कारगार मे कई दरवाजे थे कई सैनिक थे । देवकी का जो भी संतान होती उसको कंस मार डालता । फिर वो समय आया जिसका सभी को इंतजार था भाद्रपद कृष्ण अष्टमी तिथि की घनघोर अंधेरी आधी रात को रोहिणी नक्षत्र मे मूसलाधार बारिश हो रही थी तब भगवान कृष्ण प्रकट हुए ।
संयोग से उसी समय नन्द बाबा की पत्नी यशोदा को भी एक संतान हुई जो की एक कन्या थी वो कोई और नही बल्कि माया थी । इधर करगार मे भगवान विष्णु ने देवकी और वसुदेव को अपने चतुर्भुज रूप के दर्शन दिये और वसुदेव को कहा की आप अपने बालक को नन्द गाव मे नन्द जी के यहा छोड़ आए और उनकी पुत्री को ले आए । फिर प्रभु अंतर्ध्यान हो गए और वसुदेव की बेड़िया अपने आप खुल गई और सभी सैनिक सो गए ।
वसुदेव ने कृष्ण को एक डलिया मे रख कर अपने सिर पर रखा और नन्द गाव की और चल दिया नंगे पाव रास्ते मे यमुना नदी पड़ी बारिश बहुत तेज़ हो रही थी । यमुना जी अपने उफान पर थी । वसुदेव नदी मे उतर गए और नदी पार करने लगे और पीछे से बारिश से बचाने के लिए कृष्ण भगवान के सेवक शेसनाग आ गए ।
कृष्ण जी ने वसुदेव को डूबने से बचाया
जब वसुदेव यमुना जी के बीच मे पहुचे तो यमुना जी का पानी उनके सिर के ऊपर चला गया । क्यो की यमुना जी कृष्ण जी के चरण स्पर्श करना चाहती थी और यमुना जी विष्णु जी की पत्नी भी है । जब पानी सिर से काफी उपर आ गया तो कृष्ण जी ने अपना पैर डलिया से नीचे कर दिया और उनका पैर यमुना जी को छूने लगा । फिर यमुना जी ने अपना जल स्तर कम कर लिया और वसुदेव डूबने से बच गए ।यशोदा की पुत्री को उठा कर मथुरा लाना
जब वसुदेव नन्द बाबा के घर पहुचे तो सब सो रहे थे यहा तक की यशोदा को भी नही पता था की उसकी पुत्र हुआ है या पुत्री ।वसुदेव कृष्ण जी को यशोदा के पास लिटा दिये और कन्या रूपी माया को वह से साथ ले आए । जब वो कारागार पहुचे तो उनकी बेड़िया अपने आप फिर से लग गई । "कितनी बड़िया सीख है की जब कृष्ण (ईश्वर )हाथ मे आए तो बेड़िया खुल गई थी परंतु जैसे ही वो कन्या (माया )हाथ मे आई तो बेड़िया लग गई "
फिर सारे सैनिक जाग गए और कंस को पता चला की देवकी के कन्या हुई है तो वो उसको मारने गया परंतु जैसे ही कंस ने उस कन्या को अपने हाथ मे लिया और मारने चला वो कन्या उसके हाथ से छूट कर आकाश मे चली गई और एक देवी का रूप लिया जिसके कई हाथ थे और उनमे तरह तरह के अरत्र थे । वो देवी ज़ोर ज़ोर से हसने लगी और कहने लगी की
"हे मूर्ख जिसको तू मारने आया है वो तेरा काल तो कब का जन्म ले के कर गोकुल पहुच पहुच चुका है । इतना कह कर कर वो देवी अंतेर्ध्यान हो गई"
परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम्।
धर्मसंस्थापनार्थाय संभवामि युगे युगे।।4.8।।
Bahut bahut achche mere mittr
जवाब देंहटाएंthanku dost
हटाएंGood
जवाब देंहटाएंthanks
हटाएंGreat information generated
जवाब देंहटाएंbhai maza aa gaya aap ki story padh kar
जवाब देंहटाएंhttps://solutionwizard71.blogspot.com/2020/05/amazon-quiz-answer_14.html
sukriya mitra,aise hi apne chote bhai ki help karte rahiye ga .article pasand aya hai share bhi kar digiyega
हटाएंganesh bhai ye amazon quiz kya hai isme kya hota hai aur amazon ka kon sa app download kare
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