krishna killed shaktasura |
शकटासुर पूर्व जन्म मे दैत्य राज हिरण्याक्ष का पुत्र ऊतकक्ष था ,जो की बहुत ही बलवान था। एक बार की बात है ऊतकक्ष अपनी शक्ति के मद मे चूर होकर लोमेश ऋषि के आश्रम पर जाकर वहा के सारे पेड़ो को अपने शरीर से कुचल रहा था। उसने सारे पेड़ो को तहस नहस कर दिया । जब महर्षि लोमेश ने ये सब देखा तो उन्हे बड़ा ही क्रोध आया और उन्होने ऊतकक्ष को श्राप दिया की -हे पापी जिस देह की शक्ति के वशीभूत होकर तूने इन पेड़ो को क्षति पहुचाइ है ना जा आज से तू देह रहित (बिना शरीर का)हो जा । तब ऊतकक्ष ऋषि के चरणों मे गिर पड़ा और बोला की -हे पुण्यत्मा ; मै अपनी शक्ति के घमंड मे चूर हो गया था। मुझे क्षमा कर दे । तब ऋषि ने कहा की -मूर्ख जा मै तुझे क्षमा करता हू । द्वापर युग मे जब भगवान श्रीक़ृष्ण जब पृथ्वी पर अवतार लेगे तब उनके चरणों के स्पर्श से तेरी मुक्ति हो जायेगी । वही असुर उस छकड़े मे आकर बैठ गया था। और भगवान के द्वारा उसकी मुक्ति हुई फिर ये शकटासुर कहलाया.......
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